
असम के बाद यूपी और उत्तराखंड में भी नहीं चला छत्तीसगढ़ के ‘रोल मॉडल’ का जादू, फेल हुई कांग्रेस
रायपुर. पिछले साल असम में हुए विधानसभा चुनाव की हलचल यदि इस पूर्वोत्तर प्रदेश और दिल्ली के अलावा किसी अन्य राज्य में हुई होगी, तो वह है छत्तीसगढ़. क्योंकि असम चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस जिस मॉडल के दम पर बंपर जीत का दावा कर रही थी, वो था छत्तीसगढ़ मॉडल. असम में छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के मॉडल को जनता के सामने जोर-शोर से पेश किया गया. इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस की एक बड़ी टीम असम चुनाव को संचालित करने और वहां प्रचार-प्रसार का प्रमुख जिम्मा संभाल रही थी. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम चुनाव में कई सभाएं कीं.
असम चुनाव से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह भी है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से मार्च 2021 में लगभग 215 ट्वीट और री-ट्वीट हुए. इनमें से 108 ट्वीट असम विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर किए गए थे. 3 मई 2021 को asam के नतीजे आए. कांग्रेस की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा. यहां की कुल 126 सीटों में से कांग्रेस 50 सीट ही जीत पाई. एंटी इनकंबेंसी और छत्तीसगढ़ मॉडल के प्रचार-प्रसार के बाद भी कांग्रेस बुरी तरह चुनाव हार गई. असम चुनाव परिणामों के इतर छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के कार्यों और उसकी योजनाओं पर congres का भरोसा और मजबूत हुआ.
यूपी चुनाव से पहले खूब हुई चर्चा
विधानसभा चुनाव के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने इसी छत्तीसगढ़ मॉडल की खूब वाहवाही की. न सिर्फ भूपेश बघेल सरकार, बल्कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन पर भी आलाकमान ने भरोसा जताया. यही कारण है कि यूपी चुनाव से करीब 2 साल पहले से छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बड़ी टीम वहां बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम कर ही थी. जानकारी के मुताबिक यूपी में चुनाव की जिम्मेदारियों के लिए छत्तीसगढ़ के करीब 10 हजार कांग्रेसियों को भेजा गया
उत्तराखंड चुनाव में नहीं चला जादू
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ सरकार की कई योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया. मसलन किसान कर्जमाफी, 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी, गोधन न्याय योजना, गोबर से बिजली बनाना समेत युवाओं को रोजगार की व्यवस्था, भूमिहीन किसान न्याय योजना समेत कई कार्यों को बढ़-चढ़कर बताया गया. 7 मार्च को जारी एक्जिट पोल ने उत्तराखंड में कांग्रेस की उम्मीदें बढ़ा दीं. आलम यह रहा कि 9 मार्च की दोपहर को छत्तीसगढ़ सरकार का बजट पेश करने के बाद चुनाव परिणाम के दौरान पार्टी की कमान संभालने भूपेश बघेल इसी दिन शाम को उत्तराखंड रवाना हो गए.
क्या फेल हो गया रोल मॉडल?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्टार प्रचारक रहे. बतौर मुख्यमंत्री अपनी कई योजनाओं और कार्यों के कारण भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के roll modelके तौर पर उभरे हैं. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भरी सभा में उन्हें समर्थक दाउ और कका से संबोधित करते हैं और भूपेश बघेल मुस्कुराते हुए जवाब भी देते हैं. लेकिन असम के बाद अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के इस रोल मॉडल का जादू नहीं चला.
यूपी में 2, उत्तराखंड में भी सिकुड़ गई कांग्रेस
विधानसभा चुनाव परिणाम 2022 के लिए 10 मार्च की शाम 4:30 बजे तक निर्वाचन आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए गए हैं, उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांग्रेस की हालत खराब है. उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 18 सीटों पर जीत के साथ बीजेपी 253 सीटों पर आगे है. जबकि देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को महज 2 सीटों पर ही बढ़त है. जबकि उत्तराखंड की कुल 70 सीटों में से 9 पर जीत के साथ बीजेपी को 47 सीटों पर बढ़त है. जबकि कांग्रेस को तीन सीटों पर जीत के साथ 19 सीटों पर बढ़त है. उत्तराखंड में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव हार चुके हैं.